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प्रधान आंख का परीक्षण: अपनी प्रधान आंख का पता कैसे लगाएं

आपकी प्रमुख आंख के लिए परीक्षण करने का तरीका

क्या आपने "प्रधान आंख (डोमिनेंट आई)" और "नेत्र प्रधानता (ऑकुलर डोमिनेंस)" जैसे शब्द सुने हैं पर आपको उनका अर्थ नहीं पता या आप यह नहीं जानते कि प्रधान आंख का परीक्षण कैसे करते हैं? इनकी बुनियादी बातें इस प्रकार हैं…

प्रधान आंख — यह क्या होती है?

आपकी वह आंख प्रधान आंख होती है जो आपके मस्तिष्क के दृष्टि वाले भाग को थोड़ा अधिक इनपुट प्रदान करती है और वस्तुओं के स्थान के बारे में अधिक शुद्धता के साथ जानकारी पहुंचाती है।

अधिकांश मामलों में, "प्रधान आंख" शब्द का उपयोग आंखों की एक ऐसी सामान्य स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है जिसमें दोनों आंखें एक टीम के रूप में अच्छी तरह कार्य करती हैं और उनकी दृष्टि तीक्ष्णता (नज़र का पैनापन) लगभग बराबर होती है, बात बस इतनी सी होती है कि दोनों में से एक आंख "अग्रणी" या वरीय आंख होती है।

पर कभी-कभी, "प्रधान आंख" शब्द का उपयोग मंददृष्टि (एम्ब्लायोपिया) और भैंगेपन के ऐसे मामलों में सामान्य दृष्टि व कार्य वाली आंख के लिए किया जाता है जिनमें दूसरी आंख कमज़ोर होती है।.

प्रधान आंख का परीक्षण

आपकी कौनसी आंख वरीय आंख है इसका पता आप प्रधान आंख के इस साधारण से परीक्षण से लगा सकते हैं:

  1. अपनी बांहों को अपने सामने की ओर फैलाएं और अपने हाथों को एक-दूसरे से 45 डिग्री के कोण पर रखते हुए अपने अंगूठों व तर्जनियों की मदद से एक त्रिभुज बनाएं।

  2. दोनों आंखें खुली रखते हुए, इस त्रिभुज के बीचोबीच में से कोई दूर स्थित वस्तु देखें — जैसे कोई दीवार घड़ी या किसी दरवाज़े की घुंडी।

  3. अपनी बायीं आंख बंद करें।

  4. यदि वस्तु त्रिभुज के बीचोबीच बनी रहे, तो आपकी दायीं आंख (जो खुली हुई है) आपकी प्रधान आंख है। यदि वस्तु त्रिभुज से पूरी तरह या आंशिक रूप से बाहर चली जाए, तो आपकी बायीं आंख आपकी प्रधान आंख है।

प्रधान आंख का एक और आसान परीक्षण:

  1. एक बांह सीधी करें और उस बांह के अंगूठे को सीधी खड़ी स्थिति में रखें। (आप अपने अंगूठे के स्थान पर अपनी तर्जनी का भी प्रयोग कर सकते हैं।)

  2. दोनों आंखों को खुला और किसी दूर स्थित वस्तु पर केंद्रित रखते हुए, अपना अंगूठा उस वस्तु पर लेकर आएं। (यदि आपको अपने अंगूठे का कुछ भाग दिखना बंद हो जाए तो चिंता न करें — यह सामान्य है।)

  3. एक-एक करके दोनों आंखें बंद करके देखें।

  4. जिस आंख के खुले रहने और दूसरी आंख के बंद रहने पर आपका अंगूठा उस वस्तु के ठीक आगे रहे, तो जो आंख खुली हुई है वही आपकी प्रधान आंख है।

प्रधान आंख के इन दोनों परीक्षणों को "लक्ष्यसाधी" (निशाना साध या साइटिंग) परीक्षण कहते हैं, क्योंकि इनमें सामने दिख रहे लक्ष्य को, निशाना लगाने के एक जुगाड़ू यंत्र की सीध में लाया जाता है (बिल्कुल वैसे ही जैसे किसी राइफ़ल की नली पर मौजूद "साइट (नज़र)" को)।

कुछ अध्ययनों से पता चला है कि प्रधान आंख के लक्ष्यसाधी परीक्षण हालांकि करने में आसान और आमतौर पर सही होते हैं, पर वे इस बात से प्रभावित हो सकते हैं कि आप दायें-हत्था हैं या बायें-हत्था (नीचे देखें), और ये परीक्षण ऐसे कई अन्य कारकों से भी प्रभावित हो सकते हैं जो दृष्टि से संबंधित नहीं हैं।

गुमराह करने वाले इन कारकों से बचने के लिए, कुछ शोधकर्ता यह तर्क देते हैं कि प्रधान आंख (जिसे नेत्र प्रधानता भी कहते हैं) का पता लगाने के लिए अलक्ष्यसाधी परीक्षण (वे परीक्षण जो लक्ष्यसाधी नहीं हैं) अधिक सटीक हो सकते हैं।

इन परीक्षणों में, व्यक्ति दोनों आंखें खुली रखता है, और विशेष प्रकाशिक यंत्रों का उपयोग करके हर आंख के समक्ष दृश्यात्मक उद्दीपन अलग-अलग प्रस्तुत किए जाते हैं। यही ऐसे अलक्ष्यसाधी नेत्र प्रधानता परीक्षणों की सीमा है — इन्हें करने के लिए जो उपकरण एवं जो विशेषज्ञता चाहिए वह आमतौर पर केवल विशेषज्ञ दृष्टि क्लीनिकों या शोध इकाइयों में ही उपलब्ध होती है।

अधिकतर मामलों में, ऊपर बताए गए जैसे साधारण लक्ष्यसाधी नेत्र परीक्षण आपकी प्रधान आंख की सही पहचान कर लेते हैं।

नेत्र प्रधानता और दायें-हत्था-बनाम-बायें-हत्था

हालांकि नेत्र प्रधानता और दायें-हत्था या बायें-हत्था होने के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है, पर ये विशेषताएं काफ़ी हद तक आपस में जुड़ी होती हैं।

जनसमूहों के अध्ययन दर्शाते हैं कि लगभग 90 प्रतिशत लोग दायें-हत्था होते हैं और लगभग 67 प्रतिशत लोगों में दायीं आंख प्रधान होती है।

हालांकि शोध यह दर्शाते हैं कि दायें हत्था व्यक्ति में दायीं आंख प्रधान होने की संभावना अधिक होती है — उस व्यक्ति में बायीं आंख प्रधान होने की संभावना से लगभग 2.5 गुना अधिक — पर केवल दायें-हत्था या बायें-हत्था होने के आधार पर नेत्र प्रधानता का अनुमान लगाना असंभव है।

कोई भी प्रधान आंख नहीं: क्या यह संभव है?

क्या यह संभव है कि दोनों में से कोई भी आंख प्रधान न हो? शायद हां, पर ऐसा दुर्लभ ही होगा।

यदि नेत्र प्रधानता परीक्षण में उच्च स्तर की प्रधानता साफ़-साफ़ नहीं दिखाई पड़ती है, तो इस बात की संभावना अधिक है कि व्यक्ति में मिश्रित नेत्र प्रधानता है (जिसे प्रत्यावर्ती यानी बारी-बारी से बदलने वाली नेत्र प्रधानता भी कहते हैं); इसमें कुछ कार्यों के लिए कोई एक आंख प्रधान होती है, और कुछ अन्य कार्यों के लिए दूसरी आंख।

कुछ लोग लक्ष्यसाधी नेत्र प्रधानता परीक्षण करने पर यह पाते हैं कि जिस वस्तु को उन्होंने लक्ष्य बनाया था वह, दोनों ही आंखों के मामले में, उनके हाथों के बीच के त्रिभुज के ठीक बीचोबीच या उनके अंगूठे की सही-सही सीध में (इस पर निर्भर कि वे किस प्रकार का लक्ष्यसाधी परीक्षण करते हैं) नहीं होती है।

व्यक्तियों में नेत्र प्रधानता पूरी तरह दायें व बायें में बंटी नहीं होती बल्कि उनमें इसके विभिन्न स्तर देखने को मिलते हैं। (दायें-हत्था या बायें-हत्था होने पर भी यही बात लागू होती है।) दूसरे शब्दों में, कुछ लोगों में कोई एक आंख काफ़ी अधिक प्रधान हो सकती है, वहीं कुछ अन्य लोगों की दोनों आंखों में प्रधानता का यह अंतर काफ़ी कम हो सकता है।

हालांकि नेत्र प्रधानता, कुछ हद तक, हमारे मस्तिष्क में पहले से तय होती है।

विज़ुअल कॉर्टेक्स (मस्तिष्क का वह भाग जो दृश्यात्मक सूचनाओं का संसाधन करता है) के अंदर तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) की कुछ पट्टियां होती हैं जिन्हें प्रधान नेत्र स्तंभ (डोमिनेंट आई कॉलम्स) कहते हैं। ऐसा मालूम पड़ता है कि तंत्रिका कोशिकाओं की ये पट्टियां दोनों में से किसी एक आंख से आने वाले इनपुट पर वरीय ढंग से प्रतिक्रिया देती हैं, और ये द्विनेत्रीय दृष्टि के विकास के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।

पर शोधकर्ता यह भी मानते हैं कि इन प्रधान नेत्र स्तंभों में थोड़ा ओवरलैप और थोड़ी सुनम्यता भी देखने को मिलती है — जिससे यह संकेत मिलता है कि कुछ व्यक्तियों में नेत्र प्रधानता परिवर्तनशील, प्रत्यावर्ती, और शायद अपूर्ण भी हो सकती है।

निशानेबाज़ी, फोटोग्राफी और खेलों में प्रधान आंख

तो प्रधान आंख का परीक्षण करने का व्यावहारिक महत्व क्या है?

आपकी कौनसी आंख प्रधान आंख है यह जानने से आपको विभिन्न गतिविधियों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है। कुछ आम उदाहरण:

निशानेबाज़ी में प्रधान आंख। चलती-फिरती वस्तुओं पर अपनी राइफ़ल से निशाना लगाने में मुश्किल हो रही है? हो सकता है कि आपमें उल्टी प्रधानता हो — यानी, आपकी प्रधान आंख आपके शरीर के एक ओर है और आपका प्रधान हाथ दूसरी ओर।

उदाहरण के लिए, यदि आप दायें-हत्था निशानेबाज़ हैं (और इसलिए राइफ़ल को अपने दायें कंधे पर टिकाते हैं), पर आपकी बायीं आंख प्रधान आंख है, तो हो सकता है कि आप बायें-से-दायें जाती वस्तु आपके निशाने से आगे निकल जाने पर घोड़ा दबाते हों और दायें-से-बायें जाती वस्तु के निशाने पर आने से पहले ही घोड़ा दबा जाते हों। इस बात की जानकारी होने से आप अपने निशाने की सटीकता बढ़ाने के लिए सही एडजस्टमेंट कर सकेंगे।

उल्टी प्रधानता की भरपाई करने का एक अन्य तरीका यह है कि घोड़ा दबाने से ठीक पहले तक आप अपनी दोनों आंखें खुली रखें। दोनों आंखें खुली रखने से आप अपनी परिधीय दृष्टि और गहराई की समझ का 100 प्रतिशत उपयोग करके निशाना लगाने के लिए तैयार हो पाते हैं। घोड़ा दबाने से ठीक पहले अपनी उल्टी प्रधानता वाली बायीं आंख को बंद करने से आपको अपनी राइफ़ल की नली को चलायमान निशाने की सही सीध में लाने के लिए आख़िरी सेकंड वाला एडजस्टमेंट करने का मौका मिल जाता है।

फोटोग्राफी में प्रधान आंख। जब आप किसी डिजिटल सिंगल लेंस रिफ़्लेक्स (DSLR) कैमरा या ऐसे ही किसी अन्य फ़िल्म कैमरा के व्यूफ़ाइंडर से देख कर कोई फोटोग्राफ लेने की तैयारी कर रहे हों तो यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि आपकी कौनसी आंख, प्रधान आंख है।

अपनी प्रधान आंख का उपयोग करने से आपको वास्तविक चित्र का एक सटीक दृश्य दिखेगा। अपनी अप्रधान आंख का उपयोग करने से चित्र के कुछ अंश थोड़ा दायें या बायें खिसके हुए दिखेंगे या फ्रेम से बाहर निकल जाएंगे।

खेलों में प्रधान आंख। यदि (अधिकांश लोगों की तरह) आप भी दायें-हत्था हैं और आपकी दायीं आंख प्रधान है, तो कुछ खेलों में आपके लिए अपने सिर को ऐसी स्थिति में रखना ज़रूरी होगा जिससे आप अपनी प्रधान आंख का पूरा लाभ ले सकें।

उदाहरण के लिए, बेसबॉल, सॉफ़्टबॉल और क्रिकेट में, बैटिंग करते समय आपको अपना सिर इतना घुमाना होता है जिससे आपकी प्रधान दायीं आंख आपके पास आती गेंद का घूमना, उसकी गति और उसका स्थान साफ़-साफ़ देख सके।

एक और उदाहरण गोल्फ़ है। गोल्फ़ में छोटी व बड़ी दूरी के विभिन्न शॉट्स सही सीध में मारने के लिए सिर को इतना घुमाना ज़रूरी होता है जिससे आप अपनी प्रधान दायीं आंख का पूरा उपयोग करते हुए उस शॉट की कल्पना कर सकें जो आप मारने वाले हैं और उसे साकार करने के लिए अपने शरीर व क्लब हेड को सही स्थिति में रख सकें।

यदि आप खेलों को लेकर गंभीर हैं और खेलों में अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए अपनी आंखों के सर्वोत्तम उपयोग के बारे में मार्गदर्शन तलाश रहे हैं, तो किसी ऐसे नेत्र देखभाल पेशेवर से मिलें जो खेल दृष्टि में विशेषज्ञता रखता हो.

Handedness and eye-dominance: a meta-analysis of their relationship. Laterality: Asymmetries of Body, Brain and Cognition. खंड 1, अंक 1; 1996. अक्तूबर 2010 में ऑनलाइन प्रकाशित।

Mechanisms underlying decoding at 7 T: Ocular dominance columns, broad structures, and macroscopic blood vessels in V1 convey information on the stimulated eye. NeuroImage. फ़रवरी 2010.

A new method to assess eye dominance. Psicológica. खंड 29, अंक 1; 2008.

Understanding eye dominance. Texas Parks & Wildlife Magazine. नवंबर 2006.

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