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आँखों से स्राव क्यों होता है और इसका क्या उपचार है?

आंखों के डिस्चार्ज की तस्वीर

आँखों का स्राव, या आपकी आँखों में "नींद", म्यूकस, तेल, त्वचा की कोशिकाओं और उस अन्य कचरे का संयोजन है जो आपके सोने के दौरान आपकी आँख के कोने में जमा हो जाता है। इस बात पर निर्भर करते हुए कि स्राव में से कितना द्रव भाप बन कर उड़ गया है, यह गीला-चिपचिपा या सूखा-पपड़ीदार हो सकता है।

कभी-कभार रीअम (rheum) के नाम से जाना जाने वाला, आँखों के स्राव का एक सुरक्षात्मक कार्य होता है, यह आँसू की झिल्ली और आपकी आँखों की सामने की सतह से अपशिष्ट पदार्थों और संभावित रूप से हानिकारक कचरे को बाहर निकालता है।

आपकी आँखें दिन भर श्लेष्मा का निर्माण करती रहती हैं, लेकिन हर बार जब आप पलक झपकते हैं, आँसुओं की एक सतत पतली झिल्ली आपकी आँखों को धो देती है, जिससे रीअम आपकी आँखों में ठोस होने से पहले ही निकल जाता है।

जब आप सो रहे होते हैं, और पलक नहीं झपका रहे होते हैं, तब आँखों का स्राव आपकी आँखों के कोनों में और कभी-कभार पलक की रेखा पर इकट्ठा हो जाता है और पपड़ी बन जाता है, इसी वजह से इसे आपकी आँखों में "नींद" कहते हैं।

जागने पर आपकी आँखों में थोड़ा-बहुत स्राव होना सामान्य बात है, लेकिन आँख से अत्यधिक स्राव, विशेषकर अगर यह हरा है और इसके साथ धुंधली दृष्टि, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता या आँखों में दर्द जैसी समस्याएँ हैं, तो यह एक गंभीर आँख का संक्रमण या आँख की बीमारी हो सकती है और आपके ऑप्टिशियन द्वारा तुरंत इसकी जाँच की जानी चाहिए।

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आँख में श्लेष्मा कहाँ से आती है?

आँखों का स्राव मुख्य रूप से कंजंक्टाइवा द्वारा उत्पन्न पतले, गीले म्यूकस (या म्यूकिन), और माइबम से बनता है — माइबम एक तैलीय पदार्थ होता है जो माइबोमियन ग्रंथि से स्रावित होता है और झपकियों के बीच आपकी आँखों को गीला रखने में सहायता करता है।

इस तरह से एकत्रित कचरा, या "पदार्थ," जब वह आँसुओं के साथ बहकर साफ़ नहीं होता है, आँखें के भीतरी कोने और पलक की रेखा के साथ-साथ जमा हो जाता है।

आँखों से स्राव निकलने के कारण

आँखों का स्राव आम तौर पर खतरे की घंटी नहीं होता (किसी चिंता का विषय नहीं होता), लेकिन अगर आपको आँखों के स्राव के गाढ़ेपन, रंग या मात्रा में भिन्नता नज़र आती है, तो यह आँखों के संक्रमण या बीमारी का सूचक हो सकता है।

आँखों से असामान्य रूप से स्राव निकलना आँखों की निम्नलिखित समस्याओं से संबंधित है:

कंजंक्टिवाइटिस। आँखों का स्राव कंजंक्टिवाइटिस जो आँख के "सफ़ेद" हिस्से (स्क्लेरा) पर बिछी हुई पतली झिल्ली और पलकों की भीतरी सतह की जलन है, का आम लक्षण है।

आँखों में खुजली, किरकिरी, जलन और लालपन के अलावा, कंजंक्टिवाइटिस में आँख से एक सफेद, पीली या हरी श्लेष्मा निकलती है जो आपके सोने के दौरान पलक की रेखा पर एक पपड़ी का निर्माण कर सकती है। कुछ मामलों में आँख की पपड़ी इतनी गंभीर हो जाती है कि यह आपकी आँखों को अस्थायी रूप से सील कर देती है।

कंजंक्टिवाइटिस के तीन प्रकार होते हैं:

वायरल कंजंक्टिवाइटिस

वायरल कंजंक्टिवाइटिस अत्यधिक संक्रामक होता है और साधारण जुकाम या हर्पीस सिंप्लेक्स जैसे वायरस द्वारा होता है। वायरस जनित कंजंक्टिवाइटिस में आँख का स्राव आम तौर पर साफ और पानी जैसा होता है, या इसमें सफेद या हल्की पीली श्लेष्मा हो सकती है।

बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस

बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, एक बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। तुरंत उपचार नहीं करने की स्थिति में यह दृष्टि के लिए खतरा हो सकता है। बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस में आँख का स्राव वायरल कंजंक्टिवाइटिस की तुलना में आम तौर पर अधिक गाढ़ा और अधिक पीपदार (मवाद जैसा) होता है, और आम तौर पर इसका रंग पीला, हरा और सिलेटी तक होता है। चिपचिपे पदार्थ के कारण सुबह उठने पर आपको अक्सर लगता है कि मानो आपकी आँखों को पूरी तरह चिपकाकर बंद कर दिया गया हो।

एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस

एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस एलर्जेन, अर्थात, पराग कण, शरीर से झड़ी त्वचा, धूल और आँखों की एलर्जीके अन्य कारकों की वजह से होता है। यह रासायनिक प्रदूषकों, मेक-अप, कॉन्टैक्ट लेंस सॉल्यूशनों, और आई ड्रॉप के प्रति एलर्जिक प्रतिक्रिया की वजह से भी हो सकता है। एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस में आँखों का स्राव आम तौर पर पानी जैसा होता है। एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस संक्रामक नहीं होता और हमेशा दोनों आँखों को प्रभावित करता है।

आँखों के अन्य संक्रमण

कंजंक्टिवाइटिस के अलावा, आँखों के ऐसे कई अन्य संक्रमण हैं जिनकी वजह से आँखों से असामान्य स्राव आता है। इनमें शामिल हैं:

  • आँखों का हर्पीस (बारंबार होने वाला एक वायरस जनित आँखों का संक्रमण)

  • फ़ंगल केराटाइटिस (कॉर्निया की एक दुर्लभ किंतु गंभीर जलन)

  • एकैंथअमीबा केराटाइटिस (अंधा करने की क्षमता रखने वाला एक परजीवी जनित संक्रमण जो आम तौर पर कॉन्टैक्ट लेंस को अच्छी तरह से साफ नहीं रखने या कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर तैरने की वजह से होता है)।

आँख के संक्रमण से निकलने वाला स्राव काफी भिन्न-भिन्न होता है, यह साफ और पानी जैसा या गाढ़ा, हरा और चिपचिपा हो सकता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि सटीक पहचान और उपचार के लिए आप अपने नेत्र चिकित्सक से तुरंत मिलें।

ब्लेफराइटिस

पलकों के एक दीर्घकालिक विकार, ब्लेफराइटिस का तात्पर्य पलकों की केश पुटिकाओं की जलन से या माइबोमियन ग्रंथि से पलकों के भीतरी किनारे पर अत्यधिक मात्रा में तेल के स्रावित होने से होता है।

माइबोमियन ग्लैंड डिसफ़ंक्शन

एमजीडी के नाम से भी जाना जाने वाला, पलक में तेलीय ग्रंथियों का यह विकार आँख से फ़ोम-नुमा स्राव, पलकों पर पपड़ी, और पीले या हरे मवाद, और अन्य परेशानीजनक व अक्सर कष्टदायक लक्षणों को उत्पन्न करता है।

बिलनी

एक बिलनी पलक के आधार पर माइबोमियन ग्रंथि के जाम होने को कहते हैं, आम तौर पर जिसकी वजह एक संक्रमित पलक पुटिका होती है। इसे होर्डिओलम के नाम से भी जाता है, और यह पलक के किनारे एक मुँहासे जैसा दिखता है और आम तौर पर यह अपने साथ लालपन, पलकों में सूजन और प्रभावित क्षेत्र में बढ़ी हुई संवेदनशीलता भी लाता है। पीला मवाद, आँखों की पपड़ी और पलक झपकने में परेशानी भी हो सकती है।

यह भी देखें: बिलनी से कैसे छुटकारा पाएँ

आँखों में सूखापन

आँसुओं के अपर्याप्त उत्पादन या माइबोमियन ग्रंथियों के सही ढंग से काम न करने की स्थिति में ड्राई आई सिंड्रोम हो सकता है, जो अक्सर एक दीर्घकालिक समस्या होती है जिसमें आँखों की सतह पर्याप्त रूप से गीली नहीं हो पाती और इसमें खुजली और जलन उत्पन्न हो जाती है। आँखों के सूखेपन के लक्षणों में लाल, रक्तरंजित आँखें, जलने की संवेदना, धुंधली दृष्टि और यह महसूस करना शामिल है कि जैसे आपकी आँख "में" कुछ है (बाहरी वस्तु की अनुभूति)। कभी-कभी, सूखी आँखों के कारण भी एक बहुत अधिक पानी जैसा स्राव पैदा हो सकता है।

कॉन्टैक्ट लेंस

यदि आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, तो आपकी आँखों में सामान्य से अधिक स्राव हो सकता है। यह कई कारणों से हो सकता है, जिसमें कॉन्टैक्ट लेंस से संबंधित आँख का संक्रमण, कॉन्टैक्ट लेंस असहजता की वजह से आँखों का सूखापन और खुजली, और कॉन्टैक्ट लेंस पहन कर अपनी आँखों को अधिक रगड़ना शामिल हैं। यदि कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के दौरान आपको आँखों के स्राव की मात्रा अधिक लगती है, तो अपने लेंस हटा दें और आँखों की किसी गंभीर समस्या की संभावना नहीं होने की पुष्टि के लिए अपने नेत्र चिकित्सक से मिलें।

आँख की चोट

आँख में किसी बाहरी पदार्थ (जैसे धूल, कचरा या एक रासायनिक पदार्थ) या आँख की चोट की वजह से आपकी आँखों से एक पानी जैसा स्राव निकल सकता है, जो प्राकृतिक<रूप से> सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया होती है। यदि आँख में चोट लगने के बाद आँखों में मवाद या आँखों में खून (सबकंजंक्टाइवल हैमरेज) आता है, तो उपचार के लिए तुरंत अपने ऑप्टिशियन से मिलें। आँख की सभी चोटों का उपचार एक चिकित्सकीय आपात-स्थिति के रूप में किया जाना चाहिए।

कोर्नियल अल्सर

कोर्नियल अल्सर, कुछ हद तक खतरनाक, कोर्निया का फोड़े जैसा संक्रमण होता है जो आम तौर पर आँख को लगे किसी आघात या उपचार नहीं कराए गए आँख के संक्रमण की वजह से होता है। यदि इसका तुरंत उपचार नहीं कराया जाए, तो कोर्नियल अल्सर के कारण आप पूरी तरह दृष्टिहीन हो सकते हैं। आँखों में दर्द, लाली, पलकों में सूजन और आँखों से गाढ़ा स्राव कोर्नियल अल्सर के लक्षण हैं। आँख का मवाद इतना गंभीर हो सकता है कि वह कोर्निया को घेर लेता है और दृष्टि को बाधित कर देता है।

डेक्रियोसिस्टाइटिस

जब एक अश्रु वाहिनी अवरुद्ध हो जाती है, तब अश्रु निकासी तंत्र में नाक की तरफ जाने वाली लैक्रिमल थैली सूज जाती है और संक्रमित हो जाती है, जिसकी वजह से पलक में भीतर की तरफ एक संवेदनशील और सूजा हुआ उभार उत्पन्न होता है। दर्द और लालपन के अलावा, डेक्रियोसिस्टाइटिस के सामान्य लक्षणों में पानी से भरी आँखें, आँखों से चिपचिपे पदार्थ का निकलना और दृष्टि का धुंधला होना शामिल हैं।

आँखों के स्राव का उपचार

थोड़ी-बहुत मात्रा में आँखों का स्राव हानिकारक नहीं होता, लेकिन अगर आपको इसके रंग, आवृत्ति, गाढ़ेपन और मात्रा में भिन्नता नज़र आती है, तो अपने ऑप्टिशियन से संपर्क करें।

यदि आँखों की श्लेष्मा की वजह आँखों का संक्रमण है, तो आपकी आँखों की देखभाल करने वाले डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक या एंटीवायरल आई ड्रॉप्स और मरहम लिख सकते हैं। यदि आँख की एलर्जी आपकी आँखों में गीलापन और खुजलाहट उत्पन्न कर रही हैं, तब सीधे मेडिकल स्टोर से लिए जा सकने वाले एंटीहिस्टामाइन आई ड्रॉप और डिकॉन्जेस्टेंट लक्षणों से राहत दे सकते हैं।

अपनी आँखों के ऊपर गर्म पट्टियाँ रखने से खुजली और आँखों की सामान्य असहजता से राहत मिल सकती है, साथ ही आँखों का स्राव भी निकल जाता है।

यदि आपके पलकें आपस में चिपक गई हैं, तो अपनी पलकों को "अलग करने" का सबसे अच्छा तरीक़ा है कि एक कपड़े को गरम पानी में भिगोएँ और उसे अपनी आँखों पर कुछ मिनट के लिए रखें, और फिर स्राव को धीरे से पोंछकर साफ़ कर दें।

घर पर ध्यान देने वाली बातें

  • आँखों के स्राव से बचने या इसे नियंत्रित करने के लिए इन सरल उपायों का पालन करें:

  • आँखों के संक्रमण के विकास या प्रसार से बचने के लिए अपनी आँखों को छूने से बचें।

  • अपने हाथ अक्सर धोएँ, विशेष कर अगर आपको संक्रामक कंजंक्टिवाइटिस है।

  • यदि कॉन्टैक्ट लेंस लगाने पर आपकी आँखों में स्राव उत्पन्न होता है, तो अपने लेंस हटा दें और अपने ऑप्टिशियन से मिलें। कभी-कभार दैनिक डिस्पोज़ेबल कॉन्टैक्ट लेंस अपनाने से कॉन्टैक्ट लेंस से संबंधित स्राव का जोखिम घटाया जा सकता है।

  • यदि आपकी आँखों में संक्रमण है, तो संभवतः संक्रमित हो चुके कॉस्मेटिक उत्पादों जैसे मस्कारा और आईलाइनर को फेंक दें।

  • यदि आपकी गीली आँखों की वजह एलर्जी है, तो अपने परिवेश की जाँच करें और एलर्जी पैदा करने वाले कारकों से अपना संपर्क समाप्त करने या घटाने का प्रयास करें। यदि आपकी आँखें आई ड्रॉप के प्रति संवेदनशील हैं, तो परिरक्षकों से मुक्त आई ड्रॉप का इस्तेमाल करके देखें।

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