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पिन्ग्वैकूला: कारण, लक्षण और उपचार

आंख पर पिंगिच्युला

पिन्ग्वैकूला क्या है? 

पिन्ग्वैकूला एक प्रकार का विकास है जो कंजंक्टाइवा (आँख की बाहरी झिल्ली) पर हो जा सकता है। वे पीलापन लिए या बहुत हल्के भूरे रंग के होते हैं और इनका आकार थोड़ा उठा हुआ, त्रिकोणीय होता है। पिन्ग्वैकूला कैंसर का एक प्रकार नहीं हैं, परन्तु वे तब बन सकते हैं जब आँखें पराबैंगनी किरणों के बहुत ज्यादा संपर्क में आती हैं। वे आम तौर पर कॉर्निया के करीब दिखाई देते हैं, आईरिस और नाक के बीचआँख केसफेद हिस्से (श्वेतपटल) पर।

पिन्ग्वैकूला के कारण

सूरज का पराबैंगनी विकिरण पिन्ग्वैकूला का सबसे आम कारण है। अन्य सामान्य जोखिम कारकों में धूल और हवा के लगातार या लंबे समय तक संपर्क में रहना शामिल हैं। सूखी आँख की बीमारी भी एक योगदान कारक हो सकती है और पिन्ग्वैकूले की वृद्धि को बढ़ावा दे सकती है।

अधेड़ या वृद्ध लोगों में पिन्ग्वैकूले अधिक आम हैं जो धूप में बहुत समय बिताते हैं। तथापि, वे उन लोगों को किसी भी उम्र में हो सकते हैं जो सूरज से सुरक्षा के बिना काफी समय बाहर बिताते हैं।

पिन्ग्वैकूला के संकेत व लक्षण

ज्यादातर लोगों में, पिन्ग्वैकूले अनेक लक्षण पैदा नहीं करते हैं। परन्तु आँखों की आँसू की परत (आँख पर नमी की प्राकृतिक कोटिंग) को बाधित कर देने पर वे लक्षण पैदा कर सकते हैं।

यदि पिन्ग्वैकूला काफी बड़ा हो जाता है, तो आँसू की परत, आँख की सतह के पार, इसके आसपास फैलने में सक्षम नहीं हो सकती है। यह सूखी आँख के लक्षण पैदा कर सकता है, जैसे कि जलन की संवेदना, चुभन और खुजली। सूखी आँखें धुंधली दृष्टि और आँख में कुछ पड़ा होने का एहसास भी ला सकती हैं। लाल या रक्तवर्ण आँखें एक औऱ लक्षण है जो पिन्ग्वैकूले के साथ प्रकट हो सकता है। कुछ मामलों में, पिन्ग्वैकूले सूज कर प्रदाह उत्पन्न कर सकते हैं — इसे पिन्ग्वैकूलाइटिस कहा जाता है।

कभी-कभी लोग पिन्ग्वैकूले को भ्रमवश टेरीजिया समझते हैं, लेकिन वे भिन्न हैं। 

पिन्ग्वैकूला का उपचार

पिन्ग्वैकूला का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि लक्षण कितने गंभीर हैं। पिन्ग्वैकूले से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के लिए अपनी आँखों को धूप से बचाना बहुत महत्वपूर्ण है। सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पिन्ग्वैकूले का प्राथमिक कारण माना जाता है। साथ ही, निरंतर धूप में रहना उन्हें बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता है।

सूरज से सुरक्षा 

जब कभी भी आप बाहर हों तब धूप का चश्मा और हैट पहनना जरूरी है। आपकी आँखों को पराबैंगनी किरणों से बचाने और पिन्ग्वैकूला के जोखिम को कम करने के ये सबसे अच्छे तरीके हैं। यह घटाटोप और मेघाच्छादित दिनों में भी सच है क्योंकि सूरज की पराबैंगनी किरणें बादलों को भेद सकती हैं।

फ़ोटोक्रोमिक लेंस एक बढ़िया विकल्प हैं। ये सूरज की रोशनी में अपने आप काले पड़ जाते हैं और 100% पराबैंगनी सुरक्षा प्रदान करते हैं। फ़ोटोक्रोमिक लेंस आपकी आँखों को हानिकारक, उच्च ऊर्जा वाले नीले प्रकाश से भी बचाते हैं। सर्वोत्तम सुरक्षा के लिए रैपराउंड फ्रेम वाला धूप का चश्मा चुनें। यह फ्रेम डिज़ाइन नियमित फ्रेम की तुलना में सूरज के अधिक प्रकाश को रोकता है।

सूखापन और जलन से राहत

यदि सूखी आँख के लक्षण हल्के पिन्ग्वैकूला के साथ हों, तो चिकनाहट देने वाले आई ड्रॉप्स सहायता कर सकते हैं। यदि पिन्ग्वैकूला का कारण सूखी आँख है, तो सूखी आँखों के इलाज के लिए बनाई गई आई ड्रॉप्स भी प्रेस्क्राइब की जा सकती हैं।

आपका नेत्र चिकित्सक स्क्लेरल कॉन्टैक्ट लेंस भी प्रेस्क्राइब कर सकता है। ये सूखेपन के कुछ प्रभावों को कम करके और कुछ हद तक पराबैंगनी जोखिम को सीमित करके के लिए विकास को कवर कर सकते हैं।

पिन्ग्वैकूला से स्थानीयकृत प्रदाह और सूजन भी हो सकती है। स्टेरॉयड आई ड्रॉप या सूजन को कम करन वाली दवा से भी इसका उपचार किया जा सकता है। 

पिन्ग्वैकूला सर्जरी

पिन्ग्वैकूला को सर्झरी से हटाना भी एक विकल्प है। यदि किसी पिन्ग्वैकूला से बहुत असुविधा हो रही हौ तो नेत्र चिकित्सक सर्जरी की सिफारिश कर सकता है। यदि पिन्ग्वैकूला दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करे तो भी यह एक विकल्प हो सकता है।

अपने नेत्र चिकित्सक से कब मिलें

पिन्ग्वैकूला से कैंसर नहीं होता। तथापि, जितनी जल्दी संभव हो आपको अपनी आँख के किसी भी उभार के नाप, आकार या रंग में परिवर्तन के बारे में अपने नेत्र चिकित्सक को बताना चाहिए।

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